Sunday, August 1, 2010
"बहुत कठिन है डगर पनघट की"
आज BarahPad डाउनलोड किया, हिन्दी में टाइप करना शायद उतना मुशकिल नहीं जितना प्रतीत हो रहा था । अभी तक जो भी पोस्ट लिखे सभी ओनलाईन लिखे, ये टूल औफ़लाइन टंकण (टाइपिंग) के लिए बहुत अच्छा है । विचारों को पूरा समय दे कर लिखने में सहायक रहेगा । आजतक सारी पढाई अंगरेजी माध्यम में हुई है, इसलिये अभी तक हिन्दी में सोच विकसित नहीं हो पायी । प्रथम विचार जो भी मन में आते हैं, उनके मूल शब्द अंगरेजी में ही होते हैं । ये जरूरी नहीं कि मुझे हिन्दी में ही लेखन की बाध्यता है, या अंगरेजी में लिखने से मातृभाषा के प्रति मन में किसी प्रकार का बोझ महसूस होता है, अपितु हिन्दी भाषा में अपनापन है और हिन्दी लेखन सभी से जुड़ने का एक ज़रिया हो सकता है । अब तक २ लेख हिन्दी में लिख चुका हूं और आगे भी यह प्रयास जारी रहेगा ।
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